कभी चाँद बन मुस्कुराना,
कभी सूरज सा साध निभाना।
कभी बन तारे जगमगाना,
कभी बन खुशबू महक जाना।
यूँ ही बस साथ-साथ रहना,
हर पल जीवन में साथ निभाना।
डॉ. मंजूश्री गर्ग
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