Tuesday, April 2, 2024

      सुबह हुई तो,

रात के

मधुर सपने

चुरा ले गयी।

कुछ लालिमा

आकाश तले,

कुछ मधुरता

फूलों पे

बिखरा गयी।


        डॉ. मंजूश्री गर्ग

             

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