Friday, April 5, 2024


         

ये दर्द,

ये चुभन,

ये बेचैनी।

सब दोस्त

हैं अपने।

भूलकर भी,

भूलना चाहें

तुम्हें तो;

भूल नहीं

पायेंगे हम।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

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