Monday, September 18, 2017


हाइकु

डॉ0 मंजूश्री गर्ग

प्रतीक्षा-रत
तोरण से नयन
सजे द्वार पे।
1.

उमंग भरे
छलकते कलश
करें स्वागत।
2.

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