विजय पर्व दशहरा की हार्दिक शुभकामनायें
स्वर्ण जड़ित लंका बसी,
रावण का था मान।
पवन पुत्र ने फूँक दी, जला
दिया अभिमान।।1।।
रावण का पुतला जला, विजयी
दशमी का पर्व।
परम सत्य विजयी हुआ, हुआ
राम पर गर्व।।2।।
राम नाम की नाव में, होगा
बेड़ा पार।
खो जाओ प्रभु ध्यान में, यह
जीवन का सार।।3।।
राम ह्रदय ने जान ली, वानर
दल की भक्ति।
मातृ सिया की खोज में, सभी
लगा दी शक्ति।।4।।
विजयी हो के राम ने, किया
दशानन अंत।
देने को आशीष थे, संग में सारे
संत।।5।।
मने सदा सद्भाव से, मन भावन
त्यौहार।
पूज राम को फिर करो, उनकी
जय जयकार।।6।।
मिटे पाप संताप अब, आया
पावन पर्व।
रावण वध से मिट गया, उसका
सारा गर्व।।7।।
डॉ0 सरस्वती माथुर
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