हिन्दी भाषा
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
ऐसा ना हो
झंड़े की तरह
लहरे, उतर जाये
‘हिंदी
दिवस’.
हिन्दी मातृ भाषा
है हमारी
रग-रग में
समायी है हिन्दी.
हिन्दी सहचरी
है हमारी
पग-पग पे
निभाती है हिन्दी.
हिन्दी शिक्षिका
है हमारी
ज्ञान-विज्ञान सभी
सिखाती है हिन्दी.
है हिन्दी दिवस
हमारे लिये हर दिन.
हर दिन ही नहीं
हर पल है हिन्दी.
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