हिन्दी साहित्य
Sunday, March 11, 2018
हाइकु
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
प्रेम के पल
लालिमा कपोलों की
बनी प्रहरी.
रंग दो प्रिये
क्वारे हैं ख्बाब अभी
बीते बरसों.
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