हिन्दी साहित्य
Monday, March 19, 2018
हाइकु
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
चलता सदा
दशरथ का रथ
दसों दिशायें।
जिंदगी कभी
ठुमकती औ
’
कभी
है ठुनकती।
----------------
---------
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment