Tuesday, March 13, 2018



हाइकु



डॉ0 मंजूश्री गर्ग

मनमोहक
कितने प्यारे रंग
शाम ढलते.

   
शाम हुई है!
खिलेगी चांदनी
रात होने दो.

------------
----

No comments:

Post a Comment