हिन्दी साहित्य
Wednesday, March 7, 2018
ठुकराइये या अपनाइये
रूठिये या मनाइये
हम तो जियेंगें तेरे नाम से
मरेंगें तो तेरे नाम से।
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
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