हिन्दी साहित्य
Friday, March 16, 2018
नजरों के नजर से मिलते ही
छा गया प्रीत रंग, ऐसे ही
जैसे आकाश समुद्र के मिलते ही
छा जाये नील रंग नजरों में।
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
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