Friday, March 23, 2018



स्नेह बाती जुड़ी मन की लौ से,
पारा काजर दिल की प्याली में।
आजाँ आँखन में मिलन की रातों में,
बह गया सब विरह की रातों में।

                          डॉ0 मंजूश्री गर्ग

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