हिन्दी साहित्य
Monday, March 12, 2018
हाइकु
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
गुलाबी शोभा
कचनार का वृक्ष
लदा फूलों से.
चोट सहते
फलदायी पेड़ ही
पाते पत्थर.
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