हिन्दी साहित्य
Friday, April 5, 2019
मोर होता,
पंख न होते।
मोर मोर ना होता।
सिंह होता,
दहाड़ ना होती।
सिंह सिंह ना होता।
देश होता
देश-प्रेम ना होता।
देश देश ना होता।
डॉ. मंजूश्री गर्ग
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