Tuesday, July 23, 2024

 

सुबह-सबेरे आशा की किरण है कहती

बरसेंगे आज उम्मीदों के बादल।

दिन सारा तेज धूप में है निकल जाता

शाम ढ़ले फिर छा जाते उदासी के बादल।।


        डॉ. मंजूश्री गर्ग

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