Wednesday, July 3, 2024


आँधियों में दीपक की लौ को देखो।

बारिशों में नदी के वेग को देखो।।

उछाल के देखो गमों की सौगातें।

व्यक्तित्व में निखार फिर और देखो।।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

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