Monday, July 8, 2024


साँझ का मन उदास है प्रिये!

कोई गीत गुनगनाओ।

चाँद आता ही होगा गगन में

जड़ रहा होगा सितारे चुनरी में।।


        डॉ. मंजूश्री गर्ग 

No comments:

Post a Comment