Monday, August 12, 2024


फिर किसी ने की है शरारात, हवाओं में घोल दी है शराब।

भौंरों  की  बात  और है, फूल भी बहक रहे हैं आज।

 

            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

No comments:

Post a Comment