Wednesday, August 21, 2024

 

नींव के पत्थर

डॉ. मंजूश्री गर्ग

 

हर कोई बेताब मीनार बनने को

नींव के पत्थर कहीं पाये नहीं जाते।

आखिर क्यूँ?

क्योंकि भूल गये हम

सदियों पुरानी परम्परा

नींव रखने की।

 

नींव के प्रथम पत्थर को, कलावे से बाँधना

साथ में हल्दी की गाँठ, साबुत सुपारी का रखना।

करना उससे प्रार्थना कि दे मजबूती मीनार को।

लड्डुओं का भोग लगाना और मित्र-परिवार में बाँटना।

मीनार के हर पत्थर से ज्यादा देना सम्मान

नींव के पत्थर को।

 

थोड़ा सा पाकर सम्मान नींव के पत्थर

अँधेरे में गुम रहकर भी सदियों तक

थामें रहते हैं मीनार को औ देते हैं स्थिरता।

भूकम्प के झटके हों या झंझा, तूफान

मीनार से पहले सहते हैं

नींव के पत्थर।

 

 

 

 

 

 

 


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