कुँआरी लगन फिर लागी मन
भेजे हैं संदेशे पवन के संग.
चले आओ तुम बादलों के संग
पहना के सितारों जड़ी चूनर
बिठा के बहारों की डोली.
ले आओ तुम दूर गगन में
भीगेगा जहाँ सारा, मुस्कायेंगे हम.
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
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