पं. नरेन्द्र शर्मा
डॉ. मंजूश्री गर्ग
जन्म-तिथि- 28 फरवरी, सन् 1913 ई. खुर्जा(उत्तर प्रदेश)
पुण्य-तिथि- 11 फरवरी, सन् 1989 ई.
पं. नरेन्द्र शर्मा हिन्दी
के प्रसिद्ध कवि, लेखक व गीतकार थे। इन्होंने इलाहाबाद विश्व विद्यालय से शिक्षा प्राप्त
की थी व अंग्रेजी में एम. ए. किया था। सन् 1931 ई. में इनकी पहली कविता चाँद में
प्रकाशित हुई। शीघ्र ही जागरूक, अध्धयनशील और भावुक कवि नरेन्द्र शर्मा ने नये
कवियों में अपना प्रमुख स्थान बना लिया। लोकप्रियता में उनको हरिवंशराय बच्चन के
समान ही माना जाता था।
पं. नरेन्द्र शर्मा ने सन्
1934 ई. में प्रयाग से अभ्युदय पत्रिका का संपादन किया और 1934 में ही श्री
मैथिलीशरण गुप्त की काव्य कृति यशोधरा की समीक्षा लिखी। शर्मा जी काशी
विद्यापीठ में हिन्दी व अंग्रेजी के प्राध्यापक रहे और स्वतंत्रता आंदोलन से भी
जुड़े रहे। सन् 1940 ई. में ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रशासन विरोधी गतिविधियों के
कारण गिरफ्तार कर लिये गये। कुछ समय नजरबंद भी रहे व 19 दिन तक अनशन भी किया।
सोहनासिंह जोश, शचीन्द्रनाथ सान्याल, जयप्रकाश नारायण, सम्पूर्णानन्द, आदि महान
विभूतियों का सामिप्य मिला। शर्माजी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी स्वराज भवन में
हिंदी अधिकारी रहे। शर्मा जी आकाशवाणी से भी संबंधित रहे व हिन्दी फिल्मों के लिये
भी गीत लिखे। 3 अक्टूबर, सन्1957 ई. भारतीय रेडियो प्रसारण के क्षेत्र में एक नया अध्याय
जुड़ा विविध भारती नाम से। विविध भारती का नाम शर्मा जी ने ही दिया था। शर्मा
जी ने 55 फिल्मों में लगभग 650 गीत लिखे थे। हमारी बात, रत्नघर, फिर भी, ज्वार
भाटा, सजनी, मालती माधव, चार आँखें, मेरा सुहाग, बिछड़े बालम, चूड़ियाँ,
जेल-यात्रा, भाई-बहन, सत्यम्, शिवम्, सुन्दरम् जैसी अनेक फिल्मों के लिये गीत
लिखे। बी. आर. चौपड़ा द्वारा निर्देशित धारावाहिक महाभारत की पट कथा भी पं.
नरेन्द्र शर्मा जी ने लिखी थी। शर्मा जी द्वारा रचित अंतिम दोहा भी महाभारत का ही
है-
शंखनाद ने कर दिया, समारोह का अंत।
अंत यही ले जायेगा, कुरूक्षेत्र पर्यन्त।।
पं नरेन्द्र शर्मा
पं. नरेन्द्र शर्मा की
प्रसिद्ध रचनायें हैं-
कविता संग्रह- प्रवासी के गीत, मिट्टी और फूल, अग्निशस्य, प्यासा निर्झर,
मुठ्ठी बंद रहस्य।
प्रबंध काव्य- मनोकामिनी, द्रौपदी, उत्तर जय सुवर्णा।
काव्य-संचयन- आधुनिक कवि, लाल निशान।
कहानी संग्रह- कड़वी-मीठी बात।
जीवनी- मोहनदास करमचंद गाँधी- एक प्रेरक जीवनी।
पं. नरेन्द्र शर्मा द्वारा
रचित स्वागतम् गान 1982 एशियाड के स्वागत गान के लिये चुना गया,
जिसे संगीत पं रविशंकर ने दिया था-
स्वागतम् शुभ स्वागतम्
आनंद मंगल मंगलम्
नित प्रियम् भारत भारतम्
नित्य निरंतरता नवता
मानवता समता ममता
सारथि साथ मनोरथ का
संकल्प अविजित अभिमतम्
आनंद मंगल मंगलम्
नित प्रियम् भारत भारतम्
कुसुमित नई कामनायें
सुरभित नई साधनायें
मैत्री मति क्रीड़ांगन में
प्रमुदित बन्धु भावनायें
शाश्वत सुविकसित इति शुभम्
आनंद मंगल मंगलम्
नित प्रियम् भारत भारतम्
पं नरेन्द्र शर्मा
पं. नरेन्द्र शर्मा द्वारा
रचित गीत जयोति कलश छलके, यशोमती मैय्या से बोले नंदलाला, आदि आज भी जन-जन
के प्रिय हैं।
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