Saturday, March 4, 2023

 

प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने बसंत को कामदेव का बालक बताया है और सारी प्रकृति उसे दुलारने में लगी है-

डार द्रुम पलना, बिछौना नवपल्लव के,

सुमन झगुला सोहै तन छवि भारी दै।

पवन झुलावै केकी कीर बहरावै देव,

कोकिल हलावै हुलसावै कर तारी दै।

पूरित पराग सों उतारो करै राई नोन,

कंजकली नायिका लतानि सिर सारी दै।

मदन महीप जू को बालक बसंत, ताहि,

प्रातहि जगावत गुलाब चटकारी दै।

                       देव


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