Saturday, March 25, 2023

 

दूर तुमसे हूँ प्रिये!

मिठास तुम्हारी बनी रहे।

मैं खारा सागर,

तुम नदी की मीठी धार।।

     

            डॉ. मंजूश्री गर्ग

 


No comments:

Post a Comment