Wednesday, May 22, 2024


 

 

सिंदूरी शाम थी, सिंदूरी नदी थी, कुछ बात थी कि

तुम साथ थी, सिंदूरी-सिंदूरी सारा मौसम था।

 

                  डॉ. मंजूश्री गर्ग

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