नजरें मिला के नजरें चुराना
बिना कुछ कहे सब कुछ कह जाना।
अनोखी है अदा तुम्हारी प्रिये!
कहो कहाँ सीखीं ये अदायें।
डॉ. मंजूश्री गर्ग
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