हिन्दी साहित्य
Friday, February 15, 2019
जो मदद करते हैं अपनी इस जगत में आप ही
भूलकर वो दूसरों का मुँह तकते नहीं
कौन ऐसा काम है वे कर जिसे सकते नहीं।
अयोध्या सिंह उपाध्याय
‘
हरिऔध
’
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