Monday, February 4, 2019



तप्त माथे पर, नजर में बादलों को साधकर
रख दिये तुमने सरल संगीत से निर्मित अधर
आरती के दीपकों की झिलमिलाती छाँह में
बाँसुरी रखी हुई ज्यों भागवत के पृष्ठ पर।

                           धर्मवीर भारती


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