Tuesday, February 19, 2019



हाइकु

डॉ. मंजूश्री गर्ग


सुबह-शाम
प्रकृति-संग बीते
पल अमोल.
1.

मादक गंध
मधुमालती संग
महका मन.
2.
चिडियाँ जागीं
चहकी डाली सारी
हुआ सबेरा.
3.

पलाश-वन
दहके अंगारे से
फागुन-मास.
4.

फिर से खिले
गुडहल के फूल
उषा काल में.
5.

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