Tuesday, February 5, 2019




संग-संग तेरे मैं


जल तुम, धारा बन
बहूँ संग-संग तेरे मैं।

पवन तुम, सुगंध बन
चलूँ संग-संग तेरे मैं।

दीप तुम, बाती बन
जलूँ संग-संग तेरे मैं।

आओ प्रिये! अधूरी है प्रिया
तुम्हारे बिन जीवन में।

                    डॉ. मंजूश्री गर्ग





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