हिन्दी साहित्य
Wednesday, March 13, 2019
कुकुरमुत्ता नहीं
!
मशरूम हूँ मैं.
स्वयं नहीं
!
उगाया जाता हूँ मैं.
फँगस नहीं
!
शाही सब्जी हूँ मैं.
अमीरों की खास पसंद हूँ मैं।
डॉ. मंजूश्री गर्ग
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