Saturday, June 18, 2022

 

पता है----

बारिश रोज लिखती है

तुम्हार नाम

हरे पत्तों पर,

कोमल पंखुड़ियों पर,

खुशी से नाचते

नन्हें पौधों पर,

सोंधी मिट्टी पर,

यहाँ तक कि

मेरे चेहरे पर-----।

और----भीग जाता है

ह्रदय मेरा,

सावन तो,

दूर से बस

मुस्कराता ही रहता है।


           पवन कुमार सिंह

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