चाँदनी रात है और तुम साथ हो।
नदी का किनारा और हाथों में हाथ है।
जिंदगी में ये सुहाने पल हैं,
और क्या चाहिये जीने के लिये।
डॉ.मंजूश्री गर्ग
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