Monday, June 6, 2022


चाँदनी रात है और तुम साथ हो।

नदी का किनारा और हाथों में हाथ है।

जिंदगी में ये सुहाने पल हैं,

और क्या चाहिये जीने के लिये।


डॉ.मंजूश्री गर्ग 

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