जीवन में जब आई तुम,
लगीं भोर की किरण सी।
जीवन की कड़ी धूप में,
मुस्काईं गुलमोहर सी।
जीवन की सांध्य बेला में,
लगती हो चाँदनी सी।
डॉ. मंजूश्री गर्ग
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