हिन्दी साहित्य
Thursday, June 9, 2022
कभी तुम टूटी छत, कभी दीवार देखते हो।
देखते इधर तो दिल का जर्जर हाल देखते।।
डॉ. मंजूश्री गर्ग
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment