Thursday, June 2, 2022


ठाकुर श्रीनाथ सिंह

डॉ. मंजूश्री गर्ग


जन्म-तिथि-  सन् 1901 ई. मानपुर(इलाहाबाद)

पुण्य-तिथि- सन् 1996 ई.

  

श्रीनाथ सिंह द्विवेदी युग के प्रसिद्ध साहित्यकार हैं। आपका व्यक्तित्व बहुत ही सीधा और सरल था। आपने सरस्वती पत्रिका का संपादन किया। आपने स्वतंत्रता आंदोलन में भी भाग लिया। महात्मा गाँधी ने हिन्दी साहित्य सम्मेलन के इंदौर अधिवेशन में आपको प्रबंधमंत्री नियुक्त किया था। कुछ समय हिन्दी साहित्य सम्मेलन के सभापति भी रहे। आप संयुक्त प्रांत सरकार-उत्तर प्रदेश(1946-47) द्वारा गठित समाचार पत्र उद्योग जाँच समिति के सदस्य भी रहे।

 

इलाहाबाद में आप ठाकुर साहब के नाम से प्रसिद्ध थे और अनुशासन प्रिय थे। आपने बच्चों के लिये बहुत ही उपयोगी रचनायें लिखी हैं जैसे-

कवितायें- बाल कवितावली, खेलघर, बालभारती, पिपेहरी, गुब्बारा, मीठी तानें।
कथायें- गरूण कन्या, सुनहरी नदी का देवता, परीदेश की सैर, आविष्कारों की कथायें।

श्रीनाथ सिंह की अन्य प्रमुख रचनायें है- उलझन, क्षमा, एकाकिनी या अकेली स्त्री, प्रेम परीक्षा, जागरण, प्रजामण्डल, एक और अनेक, आदि। आपने देशबंधु(दैनिक) व देशदूत(साप्ताहिक) समाचार पत्रों का संपादन किया। साथ ही शिशु, बाल सखा, बालबोध, दीदी, हल, आदि मासिक पत्रिकाओं का भी संपादन किया।

 

फूलों से नित हँसना सीखो, भौंरों से नित गाना।

तरू की झुकी डालियों से नित, सीखो शीश झुकाना।।

 

सीख हवा के झोंको से लो, हिलना, जगत हिलाना।

दूध और पानी से सीखो, मिलना और मिलाना।।

 

     श्रीनाथ सिंह

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

  

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