क्यों किसी की राह के रोड़े बने हम,
बन सकें तो मील के पत्थर बनें हम।
किसी को पर हम दे नहीं सकते,
दे सकें तो हौंसलों की उड़ान दें हम।
डॉ.मंजूश्री गर्ग
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