Sunday, February 26, 2017



एक दिन.......
  डॉ0 मंजूश्री गर्ग

है कविता में सूरज सी आग
तो खिलेगी धूप सी एक दिन।

है अगर चाँदनी चाँद सी
तो देगी शीतल छाँव एक दिन।

धुंध हो, या हों बादल, बाधायें
किसकी दूर होती नहीं एक दिन।
-------------









No comments:

Post a Comment