Tuesday, February 28, 2017



दीवाली सा दिव्य आलोक हो जीवन में,
निराशा का अंधकार रहे ना मन में।
होली का उल्लास हो जीवन डगर में,
पल-प्रतिपल उमंग उठे बढ़ने की मन में।

                   डॉ0 मंजूश्री गर्ग



No comments:

Post a Comment