हिन्दी साहित्य
Tuesday, May 1, 2018
हम भी अगर
मानव होते
अँजुरी भर
करते आचमन।
सागर हैं हम,
पूरी नदी ही
हमें चाहिये।
डॉ मंजूश्री गर्ग
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