हिन्दी साहित्य
Monday, May 21, 2018
आने को कहा है
जब से तुमने
एक-एक पल
इन्तजार का
कट रहा है
मुश्किल में।
घड़ी-घड़ी
घड़ी देखती हूँ।
एक पल उमंग
एक पल उदासी
छा रही है
मन-मन्दिर में।
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
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