हिन्दी साहित्य
Friday, May 11, 2018
बेटी पढ़ाओ,
बेटा पढ़ाओ,
संस्कारी बनाओ।
अधिकारों का ही नहीं,
कर्तव्यों का भी बोध कराओ।
सँवारो एक-एक कड़ी,
सँवरेगा देश-समाज।
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
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