Wednesday, May 30, 2018




मुबारकें-------

डॉ0 मंजूश्री गर्ग


मेरी छुअनों को
महसूस कर लो तुम।

बहुत अँधेरा है
उजाला कर लो तुम।

ईद का चाँद हूँ
दीदार कर लो तुम।

मुबारकें मेरी भी
कबूल कर लो तुम।

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