उठती-गिरती लहरें, कहती हैं कथा प्यार की।
सागर की बाँहों में, चाँदनी सिमट आयी है।।
डॉ. मंजूश्री गर्ग
14 सितम्बर, 2024 हिन्दी दिवस की
हार्दिक शुभकामनायें
आज के ही दिन हिन्दी भाषा को भारत के
संविधान
में
राष्ट्र भाषा के रूप में मान्यता प्राप्त हुई
हिन्दी भाषा
ऐसा ना हो
झंड़े की तरह
लहरे, उतर जाये
‘हिंदी दिवस’.
हिन्दी मातृ भाषा
है हमारी
रग-रग में
समायी है हिन्दी.
हिन्दी सहचरी
है हमारी
पग-पग पे
निभाती है हिन्दी.
हिन्दी शिक्षिका
है हमारी
ज्ञान-विज्ञान सभी
सिखाती है हिन्दी.
है हिन्दी दिवस
हमारे लिये हर दिन.
हर दिन ही नहीं
हर पल है हिन्दी.
जब बच्चे छोटे होते हैं तो नादानी के कारण ऐसी
वस्तुओं को लेने की जिद्द करते हैं कि माँ-बाप के लिये उसे पूरा करना असम्भव होता
है. ऐसे ही बाल मन के हठ का वर्णन कवि ने प्रस्तुत पंक्तियों में किया है-
मैया मैं तो चन्द खिलौना लैहौं।
जैहों लोटि धरनि मैं अबहिं तेरी गोद न ऐहौं।
सुरभि का पयपान न करिहौं, बेनी सिर न गुहैहौं।
ह्वै हौ पूत नन्दबाबा को तैरो सुत न कहैहौं।
सूरदास