हमीं द्वीप हैं, मानवता के सागर में व्यक्तित्व के छोटे-छोटे द्वीप: और प्रत्येक क्षण एक द्वीप है-खासकर व्यक्ति और व्यक्ति के सम्पर्क का कॉन्टेक्ट का प्रत्येक क्षण-अपरिचय के महासागर में एक छोटा किन्तु कितना मूल्यवान द्वीप।
अज्ञेय जी
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