मंजिल एक है दोनों की
डॉ. मंजूश्री गर्ग
आओ! जी भर बात कर लें आज
न जाने ये पल कब आयें जीवन में।
राह तुम्हारी है कठिन
आसान हमारी भी नहीं।
मिलना ही है एक दिन हमको
मंजिल एक है दोनों की।
पर राहें अलग-अलग हैं।
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