Friday, September 6, 2024

 

मंजिल एक है दोनों की

             डॉ. मंजूश्री गर्ग

आओ! जी भर बात कर लें आज

न जाने ये पल कब आयें जीवन में।

राह तुम्हारी है कठिन

आसान हमारी भी नहीं।

मिलना ही है एक दिन हमको

मंजिल एक है दोनों की।

पर राहें अलग-अलग हैं।


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