Saturday, September 21, 2024


घिस-घिस चंदन महक लुटाये,

पिस-पिस मेंहदी रंग लाये।

फूल खिलें, सजें या बिखरें,

हर पल पवन को महकायें।।

डॉ. मंजूश्री गर्ग 

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