Thursday, September 12, 2024


 

बूँद-बूँद से समुद्र बने

फूल-फूल से उपवन

तुम अपने को कम

मत समझो, तुमसे ही

देश और विश्व बने। 

                    डॉ. मंजूश्री गर्ग

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