Saturday, February 8, 2025

 

आ जाओ सनम!

 

आ जाओ सनम!

महावर कर रही इंतजार,

पायल की छम-छम रूठी है।

 

आ जाओ सनम!

मेंहदी कर रही इंतजार,

कंगन की खन-खन रूठी है।

 

आ जाओ सनम!

बिंदिया कर रही इंतजार,

अधरों की मुस्कान रूठी है।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग



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