प्रस्तुत शेअर में शायर ने पशु-पक्षियों के दिलों में व्याप्त भय की
अभिव्यक्ति चिड़िया के मन में व्याप्त भय के द्वारा की है-
नीड़ को उड़ती हुई चिड़िया
की दहशत देखो
चोंच का दाना ही रस्ते में
गिरा आई है।
-सत्यपाल सक्सैना
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