साईं बेटा बाप के बिगरे भयो अकाज।
हरनाकुस अरू कंस को गयो दुहन को राज।
गयो दुहन को राज बाप बेटा के बिगरे।
दुसमन दावागीर भए महिमंडल सिगरे।
कह गिरिधर कविराय जुगन याही चलि आई।
पिता पुत्र के बैर नफा कहु कौने पाई।
गिरिधर
कविराय
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